साइबर अपराधियों का गढ़ माना जाने वाला झारखंड का जामताड़ा सारे भारत में साइबर क्राइम के लिए प्रसिद्ध है जहां साइबर क्राइम कुटीर उद्योग की तरह पनपता है आपको कई जगह पर कुछ लोग दो-तीन मोबाइल और एक लैपटॉप लेकर मिल जाएंगे जिससे वह फर्जी कॉल कर लोगों को ठगते हैं।
झारखंड के जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने बीते शुक्रवार को देर रात थाना क्षेत्र मिहिजाम के पिपला गांव एवं बागजोरी गांव में छापा मार कर 10 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है
आपको बता दें कि झारखंड स्थित जामताड़ा पुलिस की नज़र मैं साइबर क्राइम का एक बहुत बड़ा गढ़ माना जाता है जहां साइबर क्रिमिनल फलते-फूलते हैं हालांकि पुलिस द्वारा लगातार इन लोगों पर शिकंजा कसा जाता है और दर्जनों के हिसाब से अपराधी जेल जाते हैं किंतु ठगी का यह भी व्यवसाय है कि कम होने का नाम ही नहीं लेता ऐसी ही एक कार्यवाही करते हुए जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने बीते शुक्रवार को 10 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया ।
यह जानकारी देते हुए एसपी अनिमेष नैथानी ने बताया कि हत्थे चढ़े युवकों के मोबाइल फोनों से बहुत ही अहम डाटा मिला है, जिसमें पांच दर्जन से अधिक लोगों की सूची मिली है जिन्हें इनके द्वारा शिकार बनाया गया है यह अधिकांश पीड़ित बिहार और बंगाल के हैं जिनसे कि 500 से 2000 रुपए तक की ठगी की गई है और ठगी की रकम बहुत बड़ी ना होने के कारण पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत भी नहीं की लेकिन जब पुलिस द्वारा पीड़ितों के मोबाइल नंबर पर उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने अपने साथ ठगी किए जाने की बात स्वीकार कर ली एसपी नैथानी ने बताया कि लंबे समय से वे ऐसे लोगों के खिलाफ नजर रखे हुए थे मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर डीएसपी मंजरुल होदा तथा साइबर थाना प्रभारी मनोज कुमार द्वारा तेजतर्रार पुलिस कर्मियों की टीम लेकर छापामारी की गई। गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक वाई-फाई डोंगल, 20 मोबाइल फोन, दो बाइक,एक लैपटॉप तथा 31 सिम मिले हैं।
एसपी ने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों फिरोज अंसारी,मुन्ना अंसारी, सुल्तान अंसारी, आमिर अंसारी ,इमरान अंसारी ,महबूब अंसारी ,जावेद अख्तर, इमरान अंसारी ,रहीम अंसारी तथा जमाल अंसारी ने स्वीकार किया कि वे अधिकांश तो बिहार और बंगाल में ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया करते थे ठग विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों ,उपभोक्ता सामग्री कंपनियां तथा ई पेमेंट कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर के रूप में अपने मोबाइल नंबर इंटरनेट पर डालकर पीड़ितों से सारी बैंक जानकारी ले लिया करते थे और फिर वे उनको शिकार बनाकर ठगी कर लिया करते थे।
एसपी अनिमेष नैथानी ने लोगों से अपील की है की कंपनियों अथवा बैंकों के सिर्फ अधिकृत नंबरों से ही संपर्क करें इंटरनेट से लिए गए नंबरों के फर्जी होने की संभावना हो सकती है।
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