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भारत की न्याय व्यवस्था विश्व की महानतम न्याय व्यवस्था में से एक है जिसके लिए न्याय ही सबसे सर्वोच्च है भारतीय न्याय व्यवस्था में छोटा बड़ा अमीर गरीब सब एक समान है जिसकी बानगी आए दिन देखने को मिलती है ऐसा ही एक उदाहरण यह मामला भी है

जहांअदालत की अवमानना करने पर योग गुरु बाबा रामदेव को माननीय उच्चतम न्यायालय ने फटकार लगाई न्यायालय से फटकार खाने के बाद मंगलवार को बाबा रामदेव सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

आपको बताते चलें कि अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद की दवाओं के भ्रामक प्रचार और विज्ञापन के मामले में नोटिस जारी किया था जिसका जवाब पतंजलि द्वारा नहीं दिया गया इसके बाद अदालत ने बाबा रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण फटकार लगाते हुए 2 अप्रैल को अदालत में पेश होने को कहा था हालांकि इस बाबत कंपनी ने अदालत से माफी मांग ली है

27 मार्च को हुई पिछली सुनवाई में जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने पतंजलि की दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था परंतु कंपनी की तरफ से इसका कोई जवाब नही दिया गया

इसी के चलते अदालत ने सख्ती करते हुए पतंजलि और बाबा रामदेव को खुद को अदालत से ऊपर समझने पर फटकार लगाई जिसकी वजह से बाबा रामदेव कोर्ट पहुंचे।

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