आपको बता दें की बांग्लादेश हिंसा की आग में झुलस रहा है. सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग से शुरू हुआ छात्र आंदोलन अब पूरी तरह से हसीना सरकार के खिलाफ आंदोलन में बदल गया है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी पूरे बांग्लादेश में तांडव मचा रहे हैं।
फोटो इंटरनेट मीडिया
बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार की ओर से कर्फ्यू लागू करने, तीन दिनों तक सरकारी कार्यालय बंद करने और शांति की अपील के बावजूद पूरा बांग्लादेश में खूनी खेल और हिंसा का तांडव चल रहा है. पीएम शेख हसीना की इस्तीफे की मांग पर प्रदर्शनकारियों ने केवल रविवार को 93 लोगों को मौत की घाट उतार दिया. सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि इनमें से 14 पुलिसकर्मी हैं. सैंकड़ों लोग घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं. ढाका, चटगांव, खुलना और कोमिला से शुरू हुआ आंदोलन अब पूरे बांग्लादेश में फैल गया है। जिसके चलते कर्फ्यू लागू किया गया है तथा इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैं।
तोड़ फोड़ करने वाले छात्र नहीं, आतंकवादी हैं शेख हसीना।
बांग्लादेश के कई हिस्सों में फिर से हिंसा भड़कने के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को कहा कि विरोध के नाम पर तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र नहीं, बल्कि आतंकवादी हैं और ऐसे तत्वों से कड़ाई से निपटने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देशवासियों से इन आतंकवादियों का सख्ती से दमन करने की अपील करती हूं।
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