मानसून के सीजन आने से पहले जिला प्रशासन आने वाली हर तरह की चुनौतियों के लिए अलर्ट मोड पर आ गया है जिसके चलते कैंप कार्यालय सभागार नैनीताल में मानसून से पहले आपदा प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण आदि को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक अहम बैठक संपन्न हुई।
नैनीताल
जिलाधिकारी नैनीताल में आने वाले मानसून सीजन में सभी अधिकारियो को अलर्ट मोड़ पर रहने के साथ ही किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में स्वतः संज्ञान लेते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिए हैं जिससे समय पर आपदा के प्रभाव को कम कर लोगों को राहत दी जा सके।
जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम को अपने क्षेत्र के अंतर्गत सतर्क रहते हुए आज की बैठक में दिए गए निर्देशों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। सभी एसडीएम अपने क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा, राजस्व और पशुपालन विभाग के कार्मिकों की नाम सहित एक टीम तैयार करेंगे। किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना मिलते ही तत्काल मौके के लिए टीम रवाना होगी। मौके पर ही प्रभावितो को राहत हेतु मुआवजा राशि दी जाए इसके लिए पटवारी मौके पर ही प्रपत्रों को भरेंगे तथा तकनीकी विभाग आकलन करेगा जिससे प्रभावितों को मुआवजे के लिए अनावश्यक सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटना पड़े।
डीएम ने कहा कि मानसून सीजन में पेयजल , तहसील आदि विभागों के द्वारा 24*7 कन्ट्रोल रूम एक्टीवेट किए जाते है। आम जन की सुविधा हेतु जारी किए जा रहे नंबर चालू रहे, इसके साथ ही कंट्रोल रूम आम जन की शिकायतो को सुनकर सबंधित विभाग को अवगत कराए जिससे प्राथमिकता से आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में राहत पहुंचाई जा सके । उन्होंने पेयजल विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में सूख चुके ऐसे हैंडपंप जो अब मरम्मत के बाद भी ठीक नहीं होंगे उन्हें तत्काल हटाने के निर्देश दिए। साथ ही जो हैंडपंप मरम्मत के बाद चालू हो सकते है उनकी तत्काल मरम्मत कर चालू करने को कहा।
बैठक में डीएम ने निर्माणदाई एजेंसियों को क्षेत्र में हो रहे डामरीकरण के कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। इसके लिए सभी ईई स्वयं कार्यों के गुणवत्ता की जांच करे। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि सड़क का डामरीकरण कार्य में गुणवत्ता में लापरवाही न हो । मानसून सीजन में लगने वाली जेसीबी मशीन के ऑपरेटर , फ़ोन नंबर और उनके लोकेशन को सूची एक हफ्ते में अपडेट कर कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराने को कहा।
उन्होंने सीएमओ को माह मई से सितंबर तक की ड्यू लिस्ट बनाकर गर्भवती महिलों की सूची तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इससे मानसून अवधि में दूरस्थ क्षेत्र की हाई रिस्क प्रेगनेंसी की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी जिससे आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्रसव से पूर्व अस्पताल में भर्ती किया जायेगा जिससे सड़क मार्ग अवरूद्ध होने पर भी गर्भवती महिलाओं को कोई दिक्कत नही होगी।
पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दूरस्थ क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में पशु चारा की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को सड़क, कालेज, विद्यालय, कार्यालयों के आस पास अति संवेदनशील वृक्षों का चिन्हिकरण कर लोपिंग-कटान आदि करने के निर्देश दिए । इसके साथ ही आपूर्ति विभाग को समय से राशन, गैस आदि की व्यवस्था, लोनिवि और नगर निकाय के अधिकारियों को 15 दिन के भीतर सभी नालियों, जलभराव वाले जगहों में साफ सफाई कराने को कहा। मानसून के दौरान सड़क, पेयजल, विद्युत और संचार आदि व्यवस्था को पर विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अशोक कुमार पांडे, सिटी मजिस्ट्रेट ए पी वाजेपई, डीएफओ चंद्रशेखर जोशी, मुख्य शिक्षा अधिकारी जे एम सोनी, प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. श्वेता भंडारी, एस डी एम हल्द्वानी परितोष वर्मा, नैनीताल प्रमोद कुमार, रामनगर राहुल शाह, धारी के एन गोस्वामी, कोश्याकुटोली विपिन पंत, कालाढूंगी रेखा कोहली, डीडीएमओ शैलेश कुमार समेत सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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