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एक ओर तो वैभवशाली जीवन जीने की चाहत दूसरी ओर बेरोजगारी यह दो बातें ऐसी है जो दुर्बल इच्छा शक्ति वाले युवाओं को अपराध की ओर मोड़ देती हैं और फिर धन कमाने की चाहत में युवा अपराध की दलदल में फंसता चला जाता है जैसा कि इस घटना से लगता है

ऐसे ही यह घटनाक्रम में उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने नोएडा के थाना सेक्टर-142 पुलिस ने शनिवार को फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए 73 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए इस गिरोह के सदस्यों में 40 पुरुष कर्मचारी और 33 महिला कर्मचारी शामिल हैं‌ पुलिस द्वारा गिरोह के चार अन्य फरार सदस्यों  तलाश जोर शोर से की जा रही है।

आपको बताने की पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपियों में ज्यादातर पूर्वोत्तर राज्यों ‌मणिपुर और नागालैंड के रहने वाले युवा हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस कॉल सेंटर के जरिए ये लोग यूएस बेस्ड नागरिकों के उनके सोशल सिक्योरिटी नंबर से छेड़छाड़ करने के बाद धोखाधड़ी कर उनके साथ ठगी किया करते थे। अब तक ये लोग कई लोगों को चूना लगाते हुए करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं।पुलिस की जांच में ज्ञात हुआ है कि सेक्टर-90 में बने भूटानी अल्फाथूम बिल्डिंग में ये लोग लगभग पिछले 4 महीनों से अपना धंधा चला रहे थे। पुलिस द्वारा मारे गए छापे में इनके कब्जे से 73 कम्प्यूटर सेट (टीएफटी, सीपीयू, कीबोर्ड, माउस, हेड फोन आदि), 14 मोबाइल, 3 राउटर, 48,000 रुपए नकद, 58 वर्क प्रिंट आउट और फर्जी कॉल सेन्टर संचालन के उपकरण बरामद हुए हैं। अभियुक्तों  द्वारा कंप्यूटर में मौजूद वी आई सी आई डायल सॉफ्टवेयर तथा एक्स लाईट /आई बीम डायलर का प्रयोग कर कॉल प्राप्त करने के बाद कॉल सेंटर के मालिक द्वारा लैंड करवाई जाती थी। कॉल प्राप्त हो जाने पर फ्लोर पर मौजूद सभी आरोपी यूएस मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिकों की कॉल रिसीव करते थे तथा उन्हें सोशल सिक्योरिटी नम्बर से सम्बंधित आपराधिक गतिविधियों में उनके लिप्त होने का डर दिखाकर गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से उनसे पैसा प्राप्त कर ठगी किया करते थे।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कॉल सेंटर में कार्यरत सभी अभियुक्त फर्जी टेली कॉलिंग का इस्तेमाल  विदेशी नागरिकों को कॉल करने के लिए किया करते थे जब कॉल मिल जाती थी तब  ये लोग अमेरिकी नागरिकों को अपने झांसे में लेकर उनसे उनका सोशल सिक्योरिटी नम्बर प्राप्त कर लिया करते थे पुलिस की हत्थे चढ़े सभी अभियुक्त एक बनी बनाई स्क्रिप्ट के जरिए अमेरिकी नागरिकों को झांसे में लेते थे।अभियुक्त कितने शातिर थे कि उन्होंने अमेरिकी मार्शल तथा अमेरिकी ट्रेजरी की फर्जी ईमेल आईडी बनाई हुई थीं जिनके द्वारा वे अमेरिकी नागरिकों के सोशल सिक्योरिटी नंबरों का दुरुपयोग कर उनका नाम अवैध आपराधिक गतिविधियों मे आ जाने की बात कहकर उनको डराया करते थे तथा एफबीआई द्वारा जांच एवं गिरफ्तारी करने की बात कह कर उनसे ठगी की जाती थी।

 

 

 

Sources I M

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