भारी तादाद में आवारा घूम रहे लावारिस पशुओं का आतंक आए दिन देखने को मिलता है कहीं राह चलते लोगों पर इन पशुओं द्वारा आक्रमण किए जाते हैं वहीं किसानों के लिए तो जी का जंजाल बने हुए हैं अधिकांश किसानों की खड़ी फसल को इन पशुओं द्वारा नष्ट कर दिया जाता है जिस पर कई किसानों ने तो इन पशुओं को प्रशासन द्वारा गोसदन तक ना भेजने पर फसल ना बोने का इरादा कर लिया है।
लंबे समय से उपजाऊ खेती के लिए अल्मोड़ा का प्रसिद्ध चौकोट घाटी का स्याल्दे क्षेत्र आज फसल बुआई के लिए इसलिए बाट जोह रहा है क्योंकि सारे क्षेत्र में लावारिस पशु आम लोगों के साथ ही किसानों के लिए भी जी का जंजाल बने हुए हैं लावारिस पशुओं के आतंक से अब हालात इतने बिगड़ गए हैं कि आठ गांवों के लोगों ने जब तक लावारिस पशुओं को गौ-सदनों में नहीं भेजा जाएगा फसल बुवाई न करने का ऐलान कर दिया है
इस क्षेत्र के हजारों किसान खेती से ही अपनी आजीविका चलाते है जिसमें से तिमली, पैठाना, जसपुर, भाकुड़ा, तामाढौन, कैहड़गांव, खटलगांव के किसानों ने लावारिस जानवरों को गो सदन न भेजे जाने तक खेतों में फसल बुआई न करने का निर्णय लिया है। इन किसानों का कहना है कि क्षेत्र में लावारिस जानवर हर सीजन में फसलों को पूरी तरह से चौपट कर रहे हैं किसानों का कहना है कि ऐसी विषम परिस्थितियों में खेती करना मुश्किल हो गया है।
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