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मोबाइल इंटरनेट के इस युग में रिश्ते बड़ी आसानी से बन जाते हैं किंतु उन रिश्तों को निभाते निभाते यह रिश्ते कब मजबूरी में बदल जाते हैं पता ही नहीं चलता और जब इन रिश्तों का बोझ सहनशीलता को खत्म कर देता है तब अंतोगत्वा इनकी परिणिति आत्महत्या या अपराध बन जाती है

ऐसे ही यह घटना लखनऊ कैंट की सामने आई है जहां एक महिला सिपाही ने अपने पुरुष मित्र से कहा सुनी होने के बाद संभवतः उपजे अवसाद में आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।

बीते मंगलवार की रात्रि में एक महिला सिपाही ने अपने बॉयफ्रेंड से कहासुनी के बाद अपने किराऐ के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला सिपाही का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी के फंदे से झूलता मिलने की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक टीम के साथ जांच पड़ताल की वहीं परिजनों के आरोपों को देखते हुए महिला सिपाही का मोबाइल व कमरे में मौजूद अन्य जरूरी दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

आपको बता दें कि उन्नाव के गांधीनगर में रहने वाले अंजनी तिवारी साड़ी की दुकान चलाते है जिनकी 27 वर्षीय बेटी आंशी तिवारी पुलिस भर्ती बोर्ड में तैनात थी। आंशी की मां सुषमा ने बताया कि लखनऊ कैंट मैं पार्षद आशुतोष शुक्ला के घर किराए पर रहने वाली आंशी जो की 2019 के बैच में सिपाही पद पर भर्ती हुई थी जिसे की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथर ने जॉइनिंग लेटर प्रदान किया था और वर्तमान में पुलिस भर्ती बोर्ड में तैनात थी उन्होंने कहा कि उनकी बेटी बहुत ही होनहार थी भर्ती आने पर दारोगा पद की परीक्षा देने की तैयारी कर रही थी।

जानकारी के अनुसार इटावा निवासी अखिल त्रिपाठी से उसकी चैट करते हुए फेसबुक पर दोस्ती हो गई जो कि बाद में प्यार में बदल गई किंतु अखिल त्रिपाठी के और भी कई अन्य लड़कियों से ताल्लुकात थे जब आंशी को लड़कियों से संबंध होने की बात पता चली तब दोनों में आए दिन विवाद होने लगा तब आंशी उससे अलग होने की बात कहने लगी जिस पर अखिल अपने पुराने संबंधों को लेकर उसे ब्लैकमेल करने लगा। जिसकी वज़ह से वह मानसिक और आर्थिक दोनों तौर पर परेशान रहने लगी जिसकी वजह से उसने यह आत्मघाती कदम उठाया ।

भाई प्रशांत तिवारी ने बताया कि बीती रात 11.45 पर अखिल त्रिपाठी का मैसेज आया कि आंशी से उसकी लड़ाई हो गई है और शायद गुस्से में वह फोन नहीं उठा रही है। प्रशांत ने बताया कि हमने भी कई बार कोशिश की लेकिन उसका फोन रिसीव नहीं हुआ। तब उन्होंने इस बात की जानकारी अपने आलमबाग निवासी बहनोई आशुतोष मिश्रा को दी जिस पर वह आंशी के कमरे पर पहुंचे जब दरवाजा खोलने पर दरवाजा नहीं खुला तब उन्होंने खिड़की से देखा कि आंशी का शव फंदे से लटक रहा है इसके बाद आशुतोष ने पुलिस को सूचना दी पुलिस ने सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर शव अपने कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया

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