मौत बड़े-बड़े महाबलियों और शूरवीरों को सोचने का मौका भी नहीं देती और उनकी इहलीला समाप्त कर गोलोक को ले जाती है।
राजनीति के धुरंधर रहे बिहार के साथ ही राष्ट्रीय राजनीति में भी विशेष स्थान रखने वाले बिहार में भाजपा का बड़ा चेहरा रहे तथा जेपी आंदोलन की त्रिमूर्ति रहे सुशील कुमार मोदी, लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार में से एक सुशील मोदी इस दुनिया को छोड़कर स्वर्ग लोक को चले गए। उनका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा था
आपको बता दें की राजनीति के पुरोधा सुशील कुमार मोदी बिहार में जन आंदोलन से जुड़े नेता रहे बिहार के उपमुख्यमंत्री के अलावा भी अन्य कई पदों को सुशोभित करने वाले सुशील कुमार मोदी पिछले लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे यह बात उन्होंने 3 अप्रैल को अपने अंतिम संदेश में कही उन्होंने 3 अप्रैल को एक संदेश जारी करते हुए कहा कि अब मैं सक्रिय राजनीति से विश्राम चाहता हूं मैं पिछले 6 माह से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं मुझे अब लगता है कि लोगों को बता देना चाहिए लोकसभा चुनाव में भी मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा तथा प्रधानमंत्री को सब कुछ बता दिया है देश बिहार और पार्टी का सदा आभार और सदैव समर्पित और यह कहकर उन्होंने राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लिया।
1971 में अपने छात्र जीवन से राजनीतिक शुरुआत करने वाले सुशील कुमार 1990 में पहली बार विधायक बने 2004 में भागलपुर से पहली बार सांसद बने 2005 में संसद सदस्यता से इस्तीफा देकर बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री बने वे 2005 से 2013 और 2017 से 2020 तक बिहार के वित्त मंत्री भी रहे और पिछले महीने तक वे राज्यसभा सांसद रहे।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें