हल्द्वानी/नैनीताल
कुमाऊं का प्रवेश द्वार हल्द्वानी वर्षों से गंगा जमुनी तहजीब का केंद्र रहा है जहां बीते दिनों हुए दंगे से मानवता शर्मसार हुई है जहां 8 फरवरी को पत्थर पेट्रोल बम लाठी डंडे गोली का नंगा नाच हुआ है।
हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा जहां अधिकांश आबादी अल्पसंख्यक समुदाय की है और बोलचाल की भाषा में इसे मिनी पाकिस्तान भी कहते हैं ने ज्वालामुखी का रूप ले लिया और अराजकता का तांडव होने लगा।
वजह इस क्षेत्र में मलिक का बगीचा नामक एक स्थान है जो कि आजादी से पूर्व 1937 में लीज पर दिया गया था किंतु यदि प्रशासन की मानें जिस उद्देश्य से जिस कारण( कृषि कार्य हेतु) यह स्थान लीज पर दिया गया था उस पर लीज की शर्तों का उल्लंघन कर कृषि कार्य बंद कर एक घनी बस्ती लीज मालिक द्वारा तैयार कर दी गई जो धीरे-धीरे एक समुदाय विशेष की बस्ती बनती चली गई। सबसे बड़ी बात तो यह रही इस लीज का नवीनीकरण लीज मालिक द्वारा नहीं कराया गया जिस पर नगर निगम ने अपना हक जताते हुए इस अतिक्रमण मान लिया और अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाने लगी और 27 जनवरी को अतिक्रमण हटाने का असफल प्रयास किया जिस पर लीज मलिक 2007 के हाई कोर्ट के एक आदेश के हवाले को लेकर नगर निगम के खिलाफ कोर्ट भी गया जहां 8 फरवरी को सुनवाई के बाद अगली तारीख 14 फरवरी 2024 निर्धारित की गई।
इधर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा 8 फरवरी को ही शाम 4:00 बजे अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की शुरुआत भारी दलबल के साथ कर दी गई जिस पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय द्वारा इस कार्रवाई में कानूनी प्रक्रिया का पूर्ण पालन करने की बात कही गई।
अब बात आती है आनन-फानन में यह कार्यवाही करने की बात तो आपको बता दें खुफिया रिपोर्टों के अनुसार जो कि 31 जनवरी से लेकर 3 फरवरी तक शासन को दर्ज कराई गई हैं अतिक्रमण ध्वस्तीकरण करने के जो इनपुट खुफिया विभाग द्वारा दिए गए थे उनके चलते आनन फानन में ध्वस्तीकरण किया जाना शायद उचित नहीं था।
अब आपको बता दे 8 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा में जो कुछ हुआ वह हल्द्वानी के इतिहास में काले पन्नों में दर्ज हो गया नगर निगम की टीम और पुलिस द्वारा अतिक्रमण की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने पर स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया जाने लगा किंतु टीम द्वारा विरोध को दरकिनार करते हुए शासन द्वारा बताई जा रही नजूल भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए मदरसे एवं मजार को ध्वस्त कर दिया गया। जिस पर वहां इकट्ठा हजूम भड़क गया और नगर निगम की टीम शासन प्रशासन के मौजूद अधिकारियों एवं सैकड़ो पुलिस कर्मियों पर ईंट पत्थरों और पेट्रोल बमों की बरसात होने लगी टीम के लोगों को जान मचाना मुश्किल हो गया और दर्जनों पुलिसकर्मी नगर निगम कर्मी एवं अधिकारी घायल हो गए क्योंकि बनभूलपुरा की भूल भुलैया जैसी बंद गलियां दंगाइयों द्वारा टायर जलाकर एवं अन्य प्रकार से बंद कर दी गई थी और छतों से ईंट पत्थर और पेट्रोल बमों की बरसात हो रही थी दंगाइयों का दिल इस पर भी नहीं भरा तो उन्होंने बनभूलपुरा थाने में पेट्रोल बम फेंक कर आग लगा दी जिससे थाने में मौजूद पुलिस फोर्स एवं पत्रकारों की जान सांसत में आ गई और इस हमले में कई पत्रकार थाना प्रभारी और कई सिपाही और महिला सिपाही घायल हो गए।
घटना की गंभीरता को देखते हुए देहरादून मैं मुख्यमंत्री की उच्च अधिकारियों के साथ और नैनीताल में अधिकारियों की बैठकें होने लगी और देर सांय
सभी इंटरनेट सेवाएं बंद कर नैनीताल जिले में धारा 144 लागू करते हुए हल्द्वानी में कर्फ्यू लगा दिया गया और दंगाइयों को देखते ही पांव में गोली मारने के आदेश दे दिए गए।
9 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिले की प्रभारी मंत्री रेखा आर्य सहित हल्द्वानी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया इस दौरान वे घायलों से मिले और उनका हाल जाना उन्होंने अधिकारियों को सभी घायलों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था दिलाने का आदेश दिया और प्रशासन को दंगाइयों के साथ शक्ति से निपटने का आदेश दिया उन्होंने कहा कि दंगाइयों किसी भी हाल में बक्सा नहीं जाएगा चाहे दंगाई कितने भी बड़े रसूख वाला क्यों ना हो बख्सा नहीं जाएगा।
मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन राधा रतूड़ी ने भी हल्द्वानी पहुंचकर स्थिति का जायजा लेते हुए शीघ्र ही दंगाइयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए स्थिति बहाल करने के आदेश अधिकारियों को दिए।
9 फरवरी को ही हल्द्वानी को सात सुपर25 जोन में बांटते हुए सात मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए जिससे शहर की बिगड़ी फिजां में कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके ।
10 फरवरी 2024 को मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन राधा रतूड़ी द्वारा कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को बनभूलपुरा एवं आसपास हुई इस हिंसात्मक घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच के लिए मजिस्ट्रेट नामित किया गया और 15 दिन के भीतर जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
10 फरवरी को ही बनभूलपुरा क्षेत्र को छोड़कर सारे शहर से कर्फ्यू हटाने के आदेश दे दिए गए और 11 फरवरी को होने वाले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की होने वाली परीक्षाओं के लिए हरी झंडी दे दी गई और उनके प्रवेश पत्रों को ही कर्फ्यू पास की मान्यता दे दी गई ।
11 फरवरी
क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से बंद इंटरनेट सेवा( बनभूलपुरा क्षेत्र को छोड़कर ) बहाल कर दी गई तथा प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार से शहर में कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बल की मांग की गई।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाएं शांतिपूर्ण संपन्न हो गई।
नैनीताल एसपी प्रहलाद नारायण मीणा द्वारा प्रेस वार्ता में बताया गया कि पुलिस द्वारा 25 उपद्रवियों को असलहे सहित गिरफ्तार किया गया है जिसमें सात तमंचे 54 कारतूस तथा बनभूलपुरा थाने से लूटे गए 99 जिंदा कारतूस बरामद हुए।
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