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अपराधी लूट और ठगी के ऐसे नए-नए हथकंडे अपना कर घटनाओं को अंजाम देते हैं कि आप दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाएं 

मिली जानकारी के अनुसार मोबाइल लूटने के लिए ये अपराधी एक बहुत बड़ा रैकेट बनाकर काम करते हैं  क्षेत्र में हो रही लगातार इस प्रकार की घटनाओं की जानकारी देते हुए एसपी कटिहार जितेंद्र कुमार ने ऐसे अपराधियों की कार्यशैली के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पहले अपराधी सीएसपी संचालक को अपने झांसे में लेते हैं फिर पैसे का लालच देकर गरीब भोले-भाले लोगों का पैसा निकालते वक्त अंगूठे का फिंगरप्रिंट लेते थे. इसके साथ ही आधार कार्ड लेकर लेकर एक सिम कार्ड भी जनरेट कर लेते थे. उसके बाद उन लोगों के नाम से फ्लिपकार्ट से काफी महंगे-महंगे मोबाइल का थोक ऑर्डर दे देते थे ऐसे ही एक गैंग का बिहार की कटिहार पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. गैंग से जुड़े सदस्य पहले फिल्पकार्ट से ऑनलाइन मोबाइल का ऑर्डर देते थे फिर थोक के भाव में मोबाइल आने पर उन्हें लूट लेते थे।

कटिहार स्थित फलका थाने की पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों में कटिहार और जोगबनी के 2 बड़े मोबाइल डीलर और एक बड़ी मोबाइल कंपनी का पूर्णिया जोन का मैनेजर भी शामिल है.कटिहार एसपी जितेंद्र कुमार ने बताया कि 15 अप्रैल को फलका थाना के समीप बाजार में फ्लिपकार्ट के वेयर हाउस में 5 अपराधियों ने धावा बोलकर 81 कीमती मोबाइल की लूट लिए थे जिसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जांच करते हुए मधेपुरा जिले के रहने वाले सूरज भगत, अभिषेक कुमार और विकास कुमार को गिरफ्तार कर लिया पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में एक बड़े गैंग का खुलासा हुआ. पकड़े गए आरोपी मोबाइल डीलर की मिली भगत से उसके इशारों पर चोरी करते किया थे. इसके बाद फलका पुलिस ने इस मामले में कटिहार के एक बड़े व्यापारी राहुल सुल्तानिया के यहां छापेमारी भी की जिसके पास से लूट का मोबाइल भी बरामद किया.पुलिस ने अररिया जिले के जोगबनी स्थित एक दुकान में छापेमारी भी
की, इन दोनों जगहों से कुल 46 मोबाइल भी बरामद किए. आरोपी राहुल की मदद से जोगबनी के बड़े मोबाइल विक्रेता संजय को गिरफ्तार किया एसपी जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस मोबाइल लूट में एक बहुत बड़ा रैकेट काम करता है, जिसमें अपराधी के साथ-साथ साइबर अपराधी भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पहले ये साइबर अपराधी सीएसपी संचालक को अपने झांसे में लेते थे, फिर पैसे का लोभ देकर गरीब भोले-भाले लोगों का पैसा निकालते वक्त अंगूठे का फिंगरप्रिंट ले लिया करते थे. इसके साथ ही आधार कार्ड लेकर लेकर एक सिम कार्ड भी जनरेट कर लेते थे. उसके बाद उन लोगों के नाम से फ्लिपकार्ट से काफी महंगे-महंगे मोबाइल का थोक ऑर्डर दे देते थे, जैसे ही फिल्पकार्ट के वेयर हाउस में मोबाइल पहुंचता था कंपनी की कर्मचारी लोग फोन के क्रेताओं को इसकी सूचना दे देते थे, जिसके बाद अपराधी सारे मोबाइल को लूट लेते थे ।

आपको बता दें कि आरोपी पहले महंगे मोबाइल को ऑनलाइन मंगाते थे. फिर उन मोबाइलों को लूट लेते थे. सभी मोबाइल 20 हजार की कीमत के ऊपर के होते थे. आरोपी राहुल सुल्तानिया लूटे हुए मोबाइलों को कटिहार और पूर्णिया के आसपास के दुकानदारों को नकली बिल बनाकर बेच दिया करता था. वहीं दूसरी ओर संजय उन मोबाइलों को नेपाल भेज देता था. इसके बाद मोबाइल का ढूंढ पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता था ।

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