चढ़ते पारे से जहां आम जनमानस व्याकुल है वहीं अभी तक विद्यालय खुले रहने से स्कूल जाने वाले बच्चों के हाल बुरे हो रहे हैं एक और तो सूरज देवता अपने पूरे जोश पर हैं वहीं बिजली रानी भी आंख मिचौली खेल रही है जिससे विद्यालयों के पंखे भी सरकारी नुमाइंदों की तरह तटस्थ रहते हैं।
जहां भीषण गर्मी से पशु पक्षी आम इंसान सभी त्रस्त हैं वही नौनिहाल इस दहकती गर्मी में भी स्कूल जाने को विवश है जहां तापमान 40 से ऊपर का चल रहा है वही छोटे-छोटे बच्चे भारी-भारी बस्ते कंधे पर टंगे हुए स्कूल जाने के लिए तपती हुई सड़कों पर जाते हुए दिखाई देते हैं आला अधिकारी जहां वातानुकूलित कक्षोंऔर गाड़ियों में बैठकर अपना काम पूरा कर रहे हैं वहीं इस तपती गर्मी में बच्चों द्वारा स्कूल जाना एक निष्ठुरता की जीती जागती कहानी है एक ओर तो लगातार हो रही बिजली कटौती से स्कूल जाकर भी बच्चे गर्मी में उबलने जैसी स्थिति में रहते हैं वहीं दूसरी ओर शासन प्रशासन ने इतनी गर्मी को अनदेखा करते हुए स्कूलों में अभी तक अवकाश घोषित नहीं किया अस्पतालों की स्थिति है की डायरिया, डिहाईड्रेशन और उल्टी दस्त जैसी बीमारियों से बच्चे और बड़ों की लाइनें लगी हुई है किंतु शासन प्रशासन की समझ में नहीं आ रहा कि इस तपती गर्मी में कई किलो का बोझ कंधों पर लादे विद्यालय जाते इन नौनिहालों के लिए क्या करें, जनसाधारण की सुविधाओं के लिए तमाम दावे कर रहे यह हमारे आला अधिकारी इन बच्चों की ओर कब ध्यान देंगे ईश्वर ही बेहतर जानता है।
Photo by Google
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें