बड़े शहरों में ग्रामीण क्षेत्र, आदिवासी इलाकों एवं अति पिछड़े क्षेत्रों से नाबालिक बच्चों को देखभाल के नाम पर लाकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार करना एक चलन जैसा बन गया है क्योंकि अपने परिवार से सैकड़ो मील दूर आने के बाद इन बालकों का कोई सुध लेवा नहीं होता है क्योंकि उनके माता-पिता को कुछ रूपयों का लालच देकर बच्चों का जीवन संवारने के नाम पर ले जाया जाता है और वहां जाकर उनकी दुर्दशा कर दी जाती है
ऐसी ही एक ताजा घटना मध्य प्रदेश के जबलपुर की है जहां एक दंपति द्वारा एक 11 वर्षीय मासूम के साथ लगातार अमानवीय व्यवहार किया जा रहा था
जबलपुर के रांझी थाना क्षेत्र में रहने वाले अभय गुप्ता और उनकी पत्नी छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से 11 वर्षीय बच्ची को अपने छोटे बच्चे की देखभाल के लिए लगभग 10 महीने पहले लेकर आए थे और बच्ची से घरेलू कामकाज भी कराया करते थे किंतु पड़ोसियों के अनुसार लड़की को भूखा रखा जाता था उसके साथ मारपीट की जाती थी।
आपको बता दें कि पड़ोसियों ने अभय गुप्ता पर पर आरोप लगाया है कि वह उस बच्ची को भूखा प्यासा रख कर उसके साथ मारपीट किया करते थे और अपने घर में बंद रखकर 2-3 दिन के लिए बाहर चले जाया करते थे लड़की की दुर्दशा के यह हालत है कि भूखी बच्ची को खिड़की के सहारे हाथ हिलाकर लोगों से खाना मांगने की घटनाएं कई बार सामने आई है और अक्सर कॉलोनी वासी लोग घर बंद होने के कारण उसको खाना फेंक कर दे दिया करते थे आश्चर्य की बात तो यह है की जो कॉलोनी वासियों ने जब उन्हें फोन किया तो उन्होंने घर में होने के बावजूद अपने आप को रायपुर होना बताया कॉलोनी वासियों ने इस सारे मामले की शिकायत पुलिस में की है तब पुलिस ने तब लड़की को अभय गुप्ता के चंगुल से मुक्त कराया और डीएसपी रांझी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ जांच उपरांत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
स्रोत-मीडिया
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