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मां-बाप की ममता का कोई मोल नहीं होता यह सदियों से बुजुर्गों द्वारा कहा जाता रहा है और समय-समय पर मां-बाप अपने प्यार को सिद्ध करते रहते हैं हां यह जरूर है कि आजकल की संताने इन भावनाओं को नहीं समझ पाती

एक ऐसी ही घटना जो किसी फिल्मी कहानी से कम नही है जिस घटना में मां बाप को बच्चों के लिए भिखारी तक बनना पड़ा।
आपको बता दें कि बिहार का  एक परिवार काम की तलाश में गुजरात आया। परिवार में पति-पत्नी और दो बेटे है। बड़े बेटे का नाम राहुल है जो चौदह वर्ष का है और छोटे का नाम अर्पित है जो ग्यारह वर्ष का है। पिता ने बताया कि 15 जनवरी को राहुल और अर्पित घर से खेलने के लिए निकले। इसके बाद वे घर नहीं लौटे। दोनों को उन्होंने खूब ढूंढा मगर कुछ पता नहीं चला।
फिर दंपति ने इसकी शिकायत पुलिस को की मगर तीन माह बीत जाने के बाद पुलिस भी बच्चों को तलाश नही कर पाई। जिसके बाद गुम हुए बच्चों के माता पिता भिखारी बनकर इधर उधर भटकते हुए स्वयं बच्चों की तलाश करनी शुरू कर दी। काफी समय बीत जाने के बाद उन्हें पता चला की उनका बड़ा बेटा बिहार के एक भिखारी गैंग के पास है। वो उससे भीख मंगवा रहे है। इस समय वह भागलपुर में है बेटे के भीख मांगने की सूचना मिलते ही माता-पिता जब भागलपुर पहुंचे तो वहां पता चला कि बड़ा बेटा भागलपुर में था लेकिन अब वो वहां से भाग गया है किंतु उन दोनों ने हार नहीं मानी और बच्चों की खोज भिखारी के भेष में दंपति ने जारी रखी। आखिर भगवान ने उनकी सुन ही ली उनकी कोशिश कामयाब रही। उन्हें बड़ा बेटा राहुल बीकानेर से और फिर 15 दिन बाद छोटा बेटा अर्पित भी उन्होंने पश्चिम बंगाल के हावड़ा से ढूंढ लिया।

 

 

Sources internet media

 

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