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बरेली

इज्जतनगर मंडल के विभिन्न रेल खण्डों पर निरंतर हो रहीं कैटल रन ओवर की घटनाओं के प्रति रेल प्रशासन बेहद संजीदा है। प्रायः यह देखा जा रहा है कि रेल पथ के किनारे प्रवास करने वाली जनता अपने दुधारू जानवरों को दूध दूहने के उपरांत छुट्टा छोड़ देते हैं, साथ ही सब्जी एवं फलों के छिल्के पालीथिन में भरकर रेल पथ के किनारे फेंक देते हंै और यह देखकर रेल पथ के किनारे घूमने वाले पशु एकत्र होकर रेल पथ पर आ जाते हैं और रेल पथ पर तीव्र गति से गुजरने वाली ट्रेनों की चपेट में आकर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। फलस्वरुप होने वाली जानमाल की हानि के गणना अकल्पनीय हो जाती है। जब भी कोई मवेशी ट्रेन से दुर्घटना का शिकार होता है, तो वह दृश्य अत्यन्त हृदय विदारक होता है।

ज्ञातव्य हो कि इज्जतनगर मंडल पर वर्ष 2022-23 में 1305 कैटिल रन ओवर (सी.आर.ओ.) की घटनायें दर्ज की गई। यानि कि औसतन प्रतिदिन लगभग 4 मवेशी सी.आर.ओ. के शिकार हो रहे हैं। कैटिल रन ओवर की घटनाओं की रोक-थाम के लिए मंडल के जिन रेल खण्डों में कैटिल रन ओवर की घटनायें अधिक हो रही हैं, उन रेलखण्डों में सुरक्षा दीवार बनाने का कार्य प्रस्तावित है। कैटिल रन ओवर के मामलों को न्यून करने के उद्देश्य से मथुरा-राया एवं किच्छा-पंतनगर रेलवे स्टेशनों के मध्य एवं अन्य संवेदनशील रेल खण्डों में कैक्टस लगाये जा रहे हैं। साथ ही, मंडल द्वारा रेलपथ के किनारे रहने वाली जनता एवं पशुपालकों को इंजीनियरिंग विभाग, रेलवे सुरक्षा बल एवं एन.जी.ओ. संस्थाओं के माध्यम द्वारा निरंतर अभियान चलाकर जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने मवेशियों को रेलपथ पर न जाने दें। मवेशियों के रेलपथ पर आने से रेल दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है और जानमाल की भारी क्षति भी होती है।

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