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रितेश राणा


दोस्तो आज मैं अपने घर से बाजार अपनी मोटर साइकल से कुछ सामान लेने निकला तो वहां सड़को पे मुझे ऐसा लगा की मैं चांद पर पहुंच गया हूं क्योंकि हमारे देश की सड़के बिल्कुल चांद जैसी हैं अब आप कहेंगे की चांद जैसी सुंदर ? तो कारण सायद यह नही है क्योंकि जितने गड्ढे चांद पर हैं उससे कही ज्यादा गड्ढे हमारी सड़कों पे हैं इसलिए हमारी सड़के चांद जैसी हैं।

तो अगर आप भी मेरी तरह अपनी नई चम चमाती मोटर साइकिल को सड़कों पर लेके मस्त बारिश में लॉन्ग ड्राइव पर निकलना चाहते हैं तो जरा आराम से क्योंकि गड्ढों के कारण आपकी हालत एक मेडक जैसी हो सकती है क्योंकि आपका सफर काफी उछल कूद भरा  होगा और साथ ही किस्मत हुई तो आपकी एक अच्छी खासी डुपकी गड्ढों में लग सकती है जिससे आपकी चम चमती मोटर साइकल का तो कबाड़ा होगा ही साथ ही आप की 206 हड्डियों में से एक आद  हड्डी टूट भी सकती है जिसेसे आपकी लॉन्ग ड्राइव का तो बेड़ा गर्क हुआ साथ ही आपको अपनी जेब भी अच्छी खासी ढीली करनी पड़ेगी।

और अगर आप  प्रशासन से इसकी शिकायत भी करेंगे तो उनका कहना होगा की सड़को पर बोर्ड तो लगाया था ना की गाड़ी धीरे चलाएं प्रशासन सो रह है।

 

पर प्रशासन भी बेचारा किया करे वह कहेंगे की हम हर साल सड़क तो बनवाते है मगर कुछ दीमकों के लगने के कारण सड़क खराब हो जाती हैं अब आप कहेंगे दीमक बो भी सड़को पे? तो खैर छोड़ो आप लोग समझदार हैं  पर अभी तक उन दीमको को खत्म करने की दवा सरकार व प्रशासन के पास नही है इसलिए फिलहाल कुछ नही किया जा सकता इसलिए आप सड़को पर गढ़ों से बचकर निकलते रहिए और धरती पर चांद का मजा लेते रहिए।

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