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मानवीय चूक कहें या दुर्घटना आए दिन हो रही रेल दुर्घटनाओं से कहीं ना कहीं रेल विभाग की कार्य कुशलता पर उंगलियां उठाना लाजिमी है रामगंगा नदी के पुल के बीचो-बीच मालगाड़ी के दो टुकड़ों में विभाजित हो जाना यही दर्शाता है ईश्वर की कृपा रही की कोई बहुत बड़ी दुर्घटना नहीं हो पाई

घटना उत्तर प्रदेश के बरेली के रामगंगा नदी पर बने पुल की है जहां पर बृहस्पतिवार को चलती मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गई। इससे बदायूं और चंदौसी रेल रूट पर ट्रेनों का संचालन लगभग डेढ़ घंटे प्रभावित रहा जहां एक ओर दिल्ली-टनकपुर जनशताब्दी एक्सप्रेस को एक घंटे आंवला स्टेशन पर रोकना पड़ा वहीं दूसरी ओर ब्रांच लाइन और कासगंज लाइन की तीन मालगाड़ियों को भी अलग-अलग स्टेशनों पर रोकना पड़ा गया काफी मशक्कत के बाद दोपहर एक बजे के बाद रेल यातायात सामान्य रूप से सुचारू हो सका।

        आपको बता दें कि मालगाड़ी बृहस्पतिवार 27 जून की सुबह चंदौसी से बरेली कैंट स्टेशन के लिए जा रही थी सुबह लगभग 11:30 बजे जब मालगाड़ी रामगंगा पुल पार कर रही थी‌ कि इसी दौरान पुल पर ही दो वैगनों को जोड़ने वाली कपलिंग खुल गई कपलिंग खुलने से मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गई घटना की जानकारी होते ही गार्ड ने वॉकी-टॉकी पर लोको पायलट को सूचना दी तो लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी। कंट्रोल रूम‌  और रामगंगा ब्रिज स्टेशन को इसकी सूचना दी  इसके बाद मौके पर गुड्स टीम पहुंच‌ गई किंतु पुल पर दोनों ओर से आने-जाने का कोई रास्ता न होने के कारण कपलिंग जोड़ने में विलंब हो गया।

 दोपहर लगभग एक बजे के बाद रेल कर्मियों द्वारा मालगाड़ी की कपलिंग जोड़कर पुल पर ट्रेनों का आवागमन सामान्य रूप से सुचारू किया जा सका। इस दौरान 12036 दिल्ली-टनकपुर जनशताब्दी एक्सप्रेस को आंवला स्टेशन पर एक घंटे तक रोक कर रखना पड़ा अचानक आए इस अवरोध के करण यह ट्रेन दोपहर 12:56 बजे यहां से रवाना की जा सकी। बदायूं की ओर जाने वाली 05370 लालकुआं-कासगंज पैसेंजर तथा 05337 कासगंज-बरेली सिटी पैसेंजर को भी रास्ते में रोकना पड़ा गया इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा 

 

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