नव दंपति ने सात फेरों के स्थान पर 9 फेरे लेकर मिसाल कायम की क्योंकि आठवां फेरा पर्यावरण रक्षा तथा नया फेरा भ्रूण हत्या को रोकने के नाम पर लिया गया
आपको बता दें कि गाजीपुर के जलसा गार्डन में संपन्न हुई एक शादी की चर्चा क्षेत्र में बड़े जोर शोर से हो रही है क्योंकि यहां नवदंपति ने बंधन में बंधने के लिए सात फेरों की जगह 9 फेरे लिए और अपने जीवन की शुरुआत वृक्षारोपण करके की ।
आपको बता दें कि ऐसी अनोखी शादी मनिहारी विकास खण्ड के यूसुफपुर (खड़बा) गांव निवासी समाजिक कार्यकर्ता एवं यूट्यूबर ब्रजभूषण दूबे की बेटी प्राची भूषण की संपन्न हुई जिनका विवाह 17 फरवरी को मऊ जनपद स्थित ब्राह्मण पुरा गांव निवासी इंजीनियर प्रवीण दूबे के साथ सनातन पद्धति से सम्पन्न हुआ। पीएम मोदी के 2023 को मिलेट॒स ईयर घोषित करने से प्रेरणा लेकर विवाह में बाराती और घरातियों को ज्वार बाजरा रागी तथा अलसी के लड्डू परोसे गए साथ ही भोजन में सावां की खीर ज्वार बाजरे का भात एवं मड़वे की रोटी भी परोसी गई जिसे बरातियों एवं अतिथियों द्वारा खूब चाव से खाया एवं सराहा गया। नई परंपरा के अनुसार किसी विवाह में परोसे गए मिलेट्स (सुपर फूड) के पकवान नई जनरेशन के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं थे। बेटी के पिता यूटयूबर ब्रजभूषण दूबे ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे विश्व ने वर्ष 2023 मिलेट्स ईयर के रूप में स्वीकार किया है। इसके ग्रहण करने से पोषण तो होता ही है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। 1968 बैच के आईएएस तथा 49 साल पहले गाजीपुर में जिलाधिकारी नियुक्त रहे डॉक्टर कमल टावरी ने विवाह में पहुंचकर अपने मित्र ब्रज भूषण दूबे की बेटी की शादी में कन्यादान भी किया शादियों में सात फेरे सनातन और हिंदू धर्म की परंपरा के अनुरूप लगाए जाते हैं किंतु इस शादी में कुल 9 फेरे लगाए गए वर वधु द्वारा अग्नि को साक्षी मानकर आठवां फेरा पर्यावरण की रक्षा करने के लिए तथा नवां फेरा कन्या भ्रूण हत्या न करने के लिए लगाया गया ।
वहीं कुशीनगर स्थित रामकोला निवासी पर्यावरण मित्र जितेंद्र यादव एवं धर्म गॉड द्वारा चार दिनों तक लगातार साइकिल चलाकर आम तथा पकड़ के 10 फीट से अधिक लंबे पौधे ले गए जिसे नव दंपति प्राची एवं प्रवीण ने 18 फरवरी को विदाई के समय सराय गोकुल ग्राम स्थित सिद्ध पीठ ठड़ेस्वरी नाथ मंदिर पर लगाकर अपने जीवन की शुरुआत की इस अवसर पर स्वस्ति वाचन से मंदिर के महंत ओंकारनाथ गिरी एवं पुजारी शुभम तथा सत्यम गिरी ने वैदिक मंत्रोच्चार के अंग-वस्त्रम देकर स्वागत किया।
इस इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने ऐसी परंपराओं को अपने जीवन में आत्मसात करने की युवाओं से अपील की।
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