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रेल विभाग यात्रियों की सुविधा के लिए सतत प्रयत्नशील है जिसके चलते पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा सात रेलवे स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम लगाए गए हैं जिससे पानी और समय दोनों की बचत होगी वहीं पांच अन्य स्टेशनों पर ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट लगाए गए हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा समय एवं पानी दोनों की बचत के लिए लालकुआं रेलवे स्टेशन के अलावा छह अन्य रेलवे स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम लगाए गए हैं इसी क्रम में लालकुआं सहित 6 अन्य बनारस, छपरा, मऊ, गोरखपुर, ऐशबाग, फर्रुखाबाद कुल 07 स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित किये गये हैं। इन स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम लग जाने से 24 कोचों की ट्रेनों में पाँच से छः मिनट में त्वरित पानी भरा जा सकता है। इसके अतिरिक्त एक ही समय में कई ट्रेनों में पानी भरने का कार्य किया जा सकता है।
क्विक वाटरिंग सिस्टम से ट्रेनों में पानी भरने का विवरण जैसे- पानी की उपलब्धता, प्रेशर, मात्रा, खपत, फ्लो एवं पानी भरी जाने वाली ट्रेन का नम्बर इत्यादि एक ही स्क्रीन पर देखा जा सकता है; जिस पर वाटरिंग कार्य के आंकड़े रियल टाइम माॅनिटरिंग के लिये उपलब्ध रहते हैं। इस सिस्टम से ट्रेनों में कम समय में पानी भर दिये जाने के कारण ट्रेनों का विलम्बन नहीं होता है तथा यात्रियों हेतु कोच में पानी की उपलब्धता से यात्री संतुष्टि बनी रहती है। क्विक वाटरिंग सिस्टम से पानी की बर्बादी को बचाया जा रहा है एवं इसमें मानव श्रम भी बहुत कम लग रहा है।
पूर्व में, एक साथ कई कोचों एवं ट्रेनों में पानी भरने में अधिक समय लगता था, क्विक वाटरिंग सिस्टम से इस समस्या से निजात मिल रही है। यह सिस्टम न्यूनतम रख-रखाव वाला एवं पर्यावरण अनुकूल है।

वहीं दूसरी ओर स्टेशनों पर रेल विभाग यात्रियों की सुविधा के लिए सतत प्रयत्नशील है यह बात पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा यात्री जनता की सुविधा हेतु किए जाने वाले कार्यों से परिलक्षित होता है पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा ट्रेनों को स्वच्छ बनाये रखने एवं कोचों की साफ-सफाई तथा ग्रीष्मकाल में ट्रेनों में पानी की उपलब्धता हेतु अनेक प्रभावी कदम उठाये गये हैं। इसके लिये इस रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट एवं क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित किये गये हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे पर औंड़िहार, छपरा, बनारस, गोमती नगर एवं सी.बी. गंज सहित कुल 05 स्टेशनों पर ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट स्थापित किये गये हैं। ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट द्वारा 24 कोचों की ट्रेन के यानों के बाहरी सतह पर जमी धूल एवं गंदगी मात्र 15 मिनट में साफ हो जाती है तथा शौचालय के निचले हिस्से की भी सफाई कर उसे संक्रमण मुक्त बनाया जाता है। इसके अतिरिक्त ऑटोमैटिक कोच वाशिंग प्लांट परंपरागत धुलाई की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत पानी का उपयोग करता है, जिससे ट्रेन की धुलाई में लगभग 80 प्रतिशत पानी की बचत होती है। यह प्लांट समय की बचत के साथ ही साथ यानों की साफ-सफाई उच्च गुणवत्तापूर्वक तरीके से करता है।

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