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पतंजलि आयुर्वेद द्वारा गुमराह करने वाले भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आईएमए की याचिका पर पतंजलि को फटकार लगाई है

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक और गुमराह करने वाले विज्ञापन चलाए जाने पर फटकार लगाई है और शीर्ष अदालत ने कंपनी तथा एचडी आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी किया है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ अपमानजनक अभियान और नकारात्मक विज्ञापनों को नियंत्रित करने के लिए लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए पतंजलि आयुर्वेद को अपने चिकित्सीय उत्पादों का विज्ञापन या ब्रांडिंग करने से रोक दिया है साथ ही पतंजलि आयुर्वेद संस्थान को चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई भी बयान देने से आगाह कर दिया है ।


सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सदस्य जस्टिस हिमा कोहली तथा जस्टिस अमानुल्लाह ने सरकार को भी लताड़ते हुए कहा की पतंजलि आयुर्वेद अपने भ्रामक विज्ञापनों और दावों से देश की जनता को गुमराह कर रही है किंतु सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है इसका क्या कारण है पीठ ने यह भी कहा कि पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अदालत को दिए गए आश्वासन के बाद भी औषधि इलाज के संबंध में गुमराह करने वाले विज्ञापन क्यों प्रकाशित किया जा रहे हैं।
कोर्ट द्वारा जवाब मांगे जाने पर केंद्र सरकार के एएससी नटराज ने कहा कि वास्तव में भ्रामक और गुमराह करने वाले विज्ञापनों को सही नहीं माना जा सकता और अधिनियम के तहत इस पर कार्रवाई करना संबंधित राज्यों के अधिकार क्षेत्र में है इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

साभार- गूगल

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