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जब जानवर कोई इंसान को मारे कहते हैं दुनिया में वहशी उसे सारे एक जानवर की जान आज इंसानों ने ली है खुश क्यों है संसार

यह पंक्तियां निरंतर वन्य पशुओं की हो रही अप्राकृतिक मौतों पर एक कड़ी चोट है जहां किसी जानवर द्वारा इंसान के ऊपर हमले किए जाने के बाद तमाम लोग और संगठन उसे आदमखोर घोषित करने के लिए कमर कस लेते हैं वहीं इन मूक निरीह जानवरों की मनुष्य द्वारा बरती जा रही लापरवाही के चलते हो रही आप्राकृतिक मौतों पर सभी मौन क्यों साधे बैठे हैं यह एक सोचनीय है विषय है।

लाल कुआं से विभिन्न दिशाओं में जाने वाली रेलवे लाइन वन्यजीवों विशेष कर हाथियों के लिए मौत की वजह बनती जा रही हैं पिछले कुछ दिनों में कई हाथियों की ट्रेन से टकराकर हुई मौतें वन एवं रेल विभागों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है हालांकि इन दोनों विभागों के अलावा प्रशासन भी कई बार संयुक्त सर्वे एवं मीटिंग कर औपचारिकताएं पूरी करने का नाटक कर चुका हैं किंतु कोई भी ठोस कार्यवाही इन हाथियों की जान बचाने के लिए धरातल पर दिखाई नहीं देती है जहां वन विभाग रेल विभाग कई बार ट्रेन चलाने वाले लोको ऑपरेटरों पर कार्यवाही करने की बात कह चुका है वहीं रेल विभाग भी अपने लोको पायलटो से हाथी कॉरिडोर के नजदीक गति सीमा कम करने (20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा)की बात बताता है किंतु इनमें से कोई भी घोषणा कोई भी बात वास्तव में धरातल पर दिखाई नहीं देती हाथी कॉरिडोर के नाम पर लंबी-लंबी मीटिंग है लंबे-लंबे सर्वे तथा दिखावटी कार्यवाहियां तो बहुत होती रहती हैं किंतु इन हाथियों की मौत को रोकने के लिए कोई भी विभाग अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है । इसके बजाय रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से टकराने वाले हाथियों की तादाद में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है ।
आज फिर सुबह तड़के तराई केंद्रीय वन प्रभाग के टांडा रेंज के जंगल से निकल कर रेल पटरी क्रॉस करते हुए तराई पूर्वी वन प्रभाग गौला रेंज क्षेत्र की तरफ जा रहे लगभग 15 वर्षीय नर हाथी की ट्रेन के इंजन से टकराने से दर्दनाक मौत हो गई जबकि उसके साथ चल रहा मादा हाथी बच्चा जिसकी उम्र वन अधिकारियों द्वारा लगभग 9 माह बताई जा रही है इस घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया हालांकि घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुँचे गौला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी चन्दन सिंह अधिकारी ने घायल हाथी के बच्चे का रेस्क्यू कर उसे उपचार के लिए डौली रेंज ले आया गया जहाँ पहुंचे वन विभाग के एसडीओ अनिल कुमार जोशी ने इस बाबत कहा कि डॉक्टरों की टीम हाथी के बच्चे के उपचार में जुटी है साथ ही मृतक हाथी के पोस्टमार्टम की तैयारी की जा रही है ।
उन्होंने कहा इस घटना के जिम्मेदारों के खिलाफ सुसंगत विधिक कार्यवाही की जाएगी।
अब यह विधिक कार्यवाही क्या होगी और कब होगी यह तो भविष्य के गर्भ में है किंतु इन कार्यवाहियों से तमाम लोगों की आस्था से जुड़े हुए जिन हाथियों की मृत्यु हो चुकी है वह वापस तो आने से रहे और भविष्य में इस चीज की भी कोई गारंटी नहीं है कि शीघ्र ही सरकार इस बारे में कोई ठोस कदम उठाकर इन वन पशुओं की रक्षा करने में कामयाब होगी।

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