जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों यह कहावत तब चरितार्थ हो गई जब गंभीर रूप से घायल पड़ी एक गाय को वहां से गुजरते हुए एक रेल अधिकारी ने देखकर तुरंत उसको सहायता पहुंचाई और और उनके सब प्रयासों से मरणासन्न स्थिति में पहुंची गाय की जान बच गई ।
लखनऊ
घटना लखनऊ से गोंडा के मध्य घाघरा घाट के नजदीक की है जहां भारतीय रेल का मानवता और कर्तव्य परायणता का एक मानवीय पहलू देखने को सामने आया है ।
आपको बता दें कि जब लखनऊ मंडल पूर्वोत्तर रेलवे में कार्यरत राहुल पांडेय , वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर निरीक्षण लिए लखनऊ से गोंडा जा रहे थे । रास्ते में घाघरा घाट के आगे एक OMRS (ऑनलाइन मॉनिटरिंग) की साइट है वहां उन्हें घायल अवस्था में रेलवे ट्रैक के पास एक गोवंश दिखाई दिया। यह काफी बुरी हालत में था और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह ज्यादा देर तक जीवित नहीं रह पाएगा। चूंकि अधिकारी का गोंडा जाना अति आवश्यक था अतः उन्हें कुछ नहीं सूझा तो उन्होंने घायल जीव की एक फोटो ले ली और वह लोकेशन अपने आप को व्हाट्सएप कर लिया जिससे आगे किसी को उसकी मदद के लिए भेजा जा सके।
आपको बता दें कि अधिकारी राहुल पांडे ने उस मरणासन्न जीव की मदद के लिए तरह-तरह के विकल्प तलाशने शुरू किए । इसके लिए उन्होंने इंटरनेट पर उपलब्ध हेल्पलाइन नंबरों एवं सोशल मीडिया का सहारा लिया । अंततः उनकी बात डॉ आलोक कुमार (पशु चिकित्सा अधिकारी जरवल रोड, बहराइच) से हुई । डॉ आलोक ने इस बात को काफी गंभीरता पूर्वक लिया तथा बताई गई लोकेशन पर सभी मेडिकल समान और स्टाफ के साथ पहुंच गए । बेहद गंभीर अवस्था में पड़े हुए इस घायल जीव का उन्होंने इलाज किया और फोटो तथा रिपोर्ट रेलवे अधिकारी श्री राहुल पांडेय से साझा की । इस प्रकार घायल जीव की जान बचाई जा सकी साथ ही यह घटना इस बात की परिचायक है कि दुनिया में अभी भी अच्छे लोग विद्यमान हैं और हम जब कभी किसी भी संकट में भगवान को याद करते हैं तो भगवान ऐसे लोगों को किसी ने किसी रूप में मदद करने के लिए भेज ही देते हैं । यह घटना हमारे इस इस विश्वास को ओर अधिक मजबूत करती है प्रेरित करती है कि हमें हमेशा भलाई का कार्य बगैर किसी लाभ और स्वार्थ के करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए ।
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