पुलिस द्वारा सांप को रस्सी और रस्सी को सांप बनाए जाने के आरोप इस प्रकार की घटनाओं में साफ दिखाई देते हैं जहां पुलिस ने बगैर शव की बरामदगी के एक परिवार तीन लोगों को 6 महीने से अधिक की जेल काटने को मजबूर कर दिया
घटना बिहार के मोतिहारी जिले की है जो किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं नजर आ रही दरअसल पुलिस की लापरवाही के कारण एक महिला के मर्डर के आरोप में बिहार पुलिस ने ससुराल पक्ष के तीन सदस्यों को अपनी जांच में हत्यारा बना कर तीनों के खिलाफ के सबूत भी इकट्ठा कर लिए. चार्जसीट में ससुर पति और सास तीनों को हत्यारा साबित करते हुए पुलिस ने को कोर्ट में सजा की अपील तक करवा दी और मर्डर के बाद शव गायब करने की पुलिस की स्क्रिप्ट में तीनों आरोपी की सजा लगभग तय मानी जा रही थी ।
इस दौरान जांच के नाम पर पुलिस द्वारा कई अन्य प्रदेशों में जाने को लेकर आरोपी परिवार का भरपूर शोषण किया गया और उसके बाद भी आरोपी परिवार के तीन सदस्यों महिला की सास ससुर एवं पति ने 6 महीने से अधिक की सजा काटी और कानूनी एवं सामाजिक प्रताड़ना झेली लेकिन, कहानी में तब बड़ा मोड़ सामने आया जब 14 साल बाद बबिता नाम की महिला अपने सुसराल सरैया गोपाल वापस अपने घर लौट आई ।
देखने में तो यह एक फिल्मी कहानी लगती है किंतु यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि पूर्वी चंपारण के पताही प्रखंड के सरैया गोपाल की यह सच्ची कहानी है.दरअसल शिवहर के शिवचन्द्र राम ने 2001 में बेटी बबिता की शादी विजय राम के साथ धूमधाम से हुई थी. वहीं 2010 में किसी के बहकावे में आकर लड़की किसी के साथ घर से भाग गई और लड़की के परिवार वालों ने 2010 में हत्या और लाश को गायब करने का मामला थाने में दर्ज करा दिया. परिजनों के अनुसार पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो लगातार जांच के नाम पर आरोपी पक्ष के पैसों पर कई प्रदेशों के चक्कर लगाए और आरोपी पक्ष का पैसा खूब खर्च करवाया और गायब महिला का कोई अता-पता नहीं चला तब पीड़ित रामप्रसाद राम और उनके बेटे पत्नी को जेल भेज दिया.पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने जांच के नाम पर ने खूब पैसे ऐंठे और निर्दोषों के लिए पुलिस ने चार्जशीट तक तैयार कर दी. 6-7 महीने सजा काटने के बाद परिवार ने आर्थिक-मानसिक और सामाजिक उपेक्षा भी झेली लेकिन एक दिन भगवान ने उनकी भी सुन ली और 14 साल बाद जिसकी हत्या के जुर्म में पीड़ित परिवार ने सजा भुगती वह गायब महिला बबिता कुमारी अपने ससुराल गांव वापस आई. महिला के मिलने के बाद पता चलते ही पुलिस ने कोर्ट में महिला का बयान दर्ज करवाया और तब इतने सालों के बाद पीड़ित को न्याय मिल सका । रामप्रसाद राम ने कहा कि भगवान की दया से हमारा पूरा परिवार दोषी होने से बच गया.वहीं डीएसपी सुबोध कुमार ने इस मामले पर कहा कि जानकारी मिलते ही हमने महिला का बयान कोर्ट में दर्ज करवाया. काफी पुराना मामला है कोर्ट ने परिवार वालो को जो आदेश दिया है उसका पालन करवाया जा रहा है.
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