नए लेआउट के साथ उच्च न्यायालय शिफ्टिंग के लिए राजस्व भूमि तलाशने के सचिव शासन ने डीएम नैनीताल को दिए आदेश
हल्द्वानी गौलापार में उच्च न्यायालय उत्तराखंड शिफ्ट किए जाने की कोशिशों को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की आर आई सी(रीजनल इंपावर्ड कमेटी) द्वारा भूमि स्थानांतरण के आवेदन को खारिज करने के साथ ही अड़ंगा लग गया है।
आपको बता दे की नैनीताल में उच्च न्यायालय पर बढ़ते जनसंख्या दबाव, वकीलों की बढ़ती संख्या तथा न्यायालय की आवश्यकताओं के लिए कम होती जा रही जमीन को देखते हुए शासन द्वारा गौलापार में उच्च न्यायालय को शिफ्ट करने के लिए वन विभाग को भूमि हस्तांतरण के लिए आवेदन किया गया था जिस पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की रीजनल इंपावर्ड कमेटी द्वारा उक्त आवेदन को खारिज कर दिया गया इसके बाद सचिव शासन पंकज कुमार पांडे द्वारा डीएम नैनीताल को उच्च न्यायालय के लिए अन्यत्र भूमि तलाशने के लिए कहा गया है।
वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद नैनीताल में उच्च न्यायालय की स्थापना की गई किंतु बढ़ते जनसंख्या दबाव पर्यटन को हो रहे नुकसान न्यायालय में बढ़ती वकीलों की संख्या तथा न्यायालय के लिए कम पड़ते स्थान की वजह से शासन द्वारा एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को उच्च न्यायालय गौलापार शिफ्ट करने के लिए भेजा गया था किंतु केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की रीजनल इंपावर्ड कमेटी द्वारा इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। वही कमेटी द्वारा राजस्व भूमि में कम जगह घेरने वाली बहुमंजिली इमारत का कंक्रीट और फुटफाल सहित लेआउट बनाने की सलाह भी शासन को दी गई है
फिलहाल तो सचिन शासन पंकज कुमार पांडे द्वारा डीएम नैनीताल को उच्च न्यायालय के निर्माण के लिए अन्यत्र राजस्व भूमि तलाशने के आदेश दे दिए गए हैं किंतु तब तक गौलापार में उच्च न्यायालय बनने का मामला ठंडा बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है।
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