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जब दूसरों को ईमानदारी और सच्चाई की शिक्षा देने वाले अध्यापक खुद ही इसमें लिप्त हो जाएं तो इस समाज का क्या होगा

काशीपुर

ऐसी ही एक घटना उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में हुई जहां विजिलेंस ने काशीपुर ब्लॉक में नियुक्त प्रधानाध्यापक और अध्यापक को रंगे हाथों 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

मिली जानकारी के अनुसार एक शिकायतकर्ता द्वारा सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री न0 1064 पर शिकायत दर्ज करते हुए बताया गया था कि सीआरसी काशीपुर ब्लॉक जो राजकीय प्राइमरी पाठशाला बांसखेड़ा काशीपुर में नियुक्त प्रधानाध्यापक दिनेश शर्मा और सहायक अध्यापक अंकुर प्रताप काशीपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले प्राइवेट स्कूलों में चेकिंग कर रहे थे चेकिंग के दौरान उनके द्वारा स्कूल में मेंटेन किए जाने वाले रजिस्टरों में पकड़ी गई कमियों को उच्च स्तर पर ना भेज कर उच्च अधिकारियों से छिपाने के एवज में दस हजार रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायतकर्ता भ्रष्ट कर्मचारी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही चाहता है। 
शिकायत सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर नैनीताल, हल्द्वानी द्वारा जांच से प्रथम दृष्टया सही पाये जाने पर तत्काल ट्रैप टीम का गठन किया गया। टीम ने नियमानुसार कार्यवाही करते हुए आज प्रधानाध्यापक दिनेश शर्मा को शिकायतकर्ता से दस हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ और सहायक अध्यापक अंकुर प्रताप को रिश्वत की मांग करने के साक्ष्य सिद्ध होने के आधार पर सीआरसी कार्यालय जो राजकीय प्राइमरी पाठशाला बासखेड़ा काशीपुर में से गिरफ्तार किया गया है। वहीं प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा। निदेशक सतर्कता डॉ. वी. मुरुगेसन द्वारा ट्रैप टीम को नगद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई।

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