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रुद्रपु

बलदेव सिंह: सवाददाता

रुद्रपुर। जिला प्रशासन की मध्यस्थता में इंटरार्क कंपनी प्रबंधन व यूनियन प्रतिनिधियों के मध्य हुवे समझौते के उल्लंघन के खिलाफ महिलाएं मुखर हो गई हैं। 15 दिसंबर 2022 को ADM , SP व ALC आदि की मध्यस्थता में सभी निलंबित और बर्खास्त 64 श्रमिकों की कार्यबहाली करने और 1700 रुपये वेतन वृद्धि करने की मांग को लेकर लिखित समझौता हुवा था इस वार्ता में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश स्तर के सभी बड़े पदाधिकारियों ने भी मध्यस्थता की थी किन्तु कंपनी प्रबंधन उक्त समझौते से पूरी तरह से मुकर गया है समझौते के तहत 3 माह की OD पूरी करके जब 28 मजदूर 3 अप्रैल 2023 को सिडकुल पन्तनगर एवं किच्छा स्थित मूल प्लांट में ड्यूटी पर उपस्थित हुवे तो उनकी गेटबन्दी कर दी गई। और उत्तराखंड राज्य से बाहर अविधिक रूप से ट्रांसफर कर दिया गया उक्त समझौते के अनुसार मजदूरों की वेतन वृद्धि भी नहीं की जा रही है इसके खिलाफ मजदूरों ने जिला प्रशासन और श्रम विभाग हर जगह कई बार गुहार लगाई किन्तु कोई सुनवाई न हुई उक्त 28 मजदूर करीब एक महीने से कार्यबहाली को दर -दर भटक रहे हैं किंतु उनकी कोई सुनने वाला नहीं है अब मजदूरों के परिवार की महिलाएं भी सड़कों पर उतरने को विवश हैं आज 1 मई 2023 को महिलाओं द्वारा जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर से मुलाकात की ।और करीब 700 महिलाओं के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन प्रेषित कर जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुवे समझौते को लागू करा सभी 28 मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली कराने और वेतन वृद्धि करने की मांग की महिलाओं ने आरोप लगाया कि ADM, SP व ALC जैसे जिला स्तर के बड़े बड़े अधिकारियों की मध्यस्थता हुवे उक्त समझौते पर इंटरार्क कंपनी प्रबंधन सरेआम कालिख पोत रहा है ।फिर भी जिला प्रशासन मौन है। इंटरार्क यूनियन की याचिका पर उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा जुलाई 2020 में दिए आदेश में मजदूरों का उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करने पर रोक लगाई हुई है। उत्तराखंड राज्य के मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डर और इंटरार्क कंपनी के प्रमाणित स्थायी आदेश में भी मजदूरों के उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करना प्रतिबंधित है इसके पश्चात भी कंपनी प्रबंधन द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के जुलाई 2020 को दिए उक्त आदेशों को ताक पर रखकर और भारत के कानूनों का उल्लंघन कर मजदूरों का उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर कर मनमानी की जा रही है ।और जिला प्रशासन मूकदर्शक बन पीड़ित मजदूरों को ही शांति बनाए रखने की नसीहत दे रहा है महिलाओं ने सवाल उठाया कि जिला प्रशासन उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश और भारत के उक्त कानूनों को लागू करा मजदूरों के ट्रांसफर पर आखिर रोक क्यों नहीं लगा रहा है ?क्या उत्तराखंड राज्य के उच्च न्यायालय के आदेश को लागू कराना एवं जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुवे उक्त समझौते को लागू कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है तो किसकी है ?महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि उत्तराखंड हाईकोर्ट के उक्त आदेश को और भारत देश के उक्त कानून को एवं जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुवे उक्त समझौते को लागू कराकर सभी 28 मजदूरों की सवैतनिक कार्यबहाली न की गई और वेतन वृद्धि न की गई तो 7 मई 2023 को महिलाओं द्वारा मजदूरों व क्षेत्र की जनता के साथ में अम्बेडकर पार्क रुद्रपुर से जिलाधिकारी आवास तक विशाल पदयात्रा निकाली जाएगी और निर्णायक संघर्ष की ओर आगे बढ़ा जायेगा। कार्यक्रम में शामिल सुब्रत विश्वास, जोशना साहु, शोभा देवी, प्रतीमा देवी, नमिता देवी, राजकुमारी, कांति,मेघा शर्मा, नीलम वर्मा, रविन्द्र कौर, संगीता देवी, नीलम, विमला देवी, गीता देवी, शीतल, पुष्पा, उमा देवी सहित दर्जनों महिलाएं शामिल थे।

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