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रेल विभाग रेल के आधुनिकीकरण करने के लिए रात दिन एक किए हुए है चाहे रेल कोचो का आधुनिकरण हो या रेल इंजनों का रेलवे स्टेशनों का हो या संचालन का रेलवे भारतीय रेल को विश्व स्तरीय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है
गोरखपुर
रेलवे प्रशासन, रेल कर्मियों को कार्य के दौरान बेहतर सुविधाओं को उपलब्ध कराने के क्रम में, गोंडा स्थित लोको शेड में एक नये रेल इंजन (संख्या 43282) को नई सुविधाओं के साथ अपग्रेड किया गया है। यह इंजन पूर्णतः वातानुकूलित है, जिससे गर्मी और बरसात के मौसम में लोको पायलट बिना किसी असुविधा के रेल संचलन कर सकें। इस इंजन में 12 सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये गये हैं, जो लोको पायलट को ट्रेन संचलन के दौरान निरंतरता सुनिश्चित करने के साथ-साथ इंजन के हर उपकरण की माॅनिटरिंग करने में मदद करेगा।
इस विद्युत इंजन में कई आधुनिक सुविधायें प्रदान की गई हैं। इसमें लोको पायलट द्वारा इंजन के अंदर लगे बटन को दबाकर बिना खिड़की खोले सिगनल का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इसमें आपातकालीन टूल बॉक्स की सुविधा दी गई है। लम्बी दूरी की मालगाड़ी के संचलन के दौरान लोको पायलट, विशेषकर महिला लोको पायलटों को प्रसाधन की समस्या न हो, इसके लिये इंजन में ‘वाटरलेस यूरिनल’ का प्रावधान किया गया है।
इस रेल इंजन के अंदर अत्याधुनिक उपकरण जैसे सीलोमेर, सबडुए आदि का प्रयोग किया गया है, जिससे लोको केबिन में बाहरी तथा इंजन की ध्वनि में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट होगी। इसके साथ ही इंजन में ध्वनि अवरोधक छत, सिगनल एक्सचेंज सिस्टम, एल.ई.डी. हेडलाइट, मल्टी फीचर ड्राइवर सीट, इंस्पेक्शन सीट, सी.सी.टी.वी. सर्विलांस सिस्टम, सामान रखने की सुसज्जित व्यवस्था तथा फॉग सेफ्टी डिवाइस की व्यवस्था की गई है। इस इंजन का परिक्षण गोंडा से पटियाला स्टेशन के बीच किया, जिसके तकनीकी एवं व्यवहारिक परिणाम पूरी तरह से सकारात्मक रहें।
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