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नैनीताल: रविवार को नैनीताल स्थित राजभवन में सांस्कृतिक संध्या ‘‘लोकमाटी के रंग’’ का आयोजन हुआ। इस सांस्कृतिक संध्या में संस्कृति विभाग के कलाकारों द्वारा मनमोहक कार्यक्रम और लोकनृत्य प्रस्तुत किए गए। इन कार्यक्रमों में उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक लोक कला की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम में कलाकारों ने झोड़ा, झूमैलो, चांचरी, तांदी, हारूल आदि उत्तराखंड के लोक नृत्य प्रस्तुत किए। वहां उपस्थित लोगों ने भी इन कार्यक्रमों का भरपूर आनंद लिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के उपरांत राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति की जड़ें बहुत गहरी हैं। यहां की संस्कृति भारत में सबसे समृद्ध संस्कृति में से एक है, चाहे वह पारंपरिक पोशाक हो या लोक नृत्य हो या कला का रूप हो, वे विरासत, परंपराओं और अनुष्ठानों में समृद्ध हैं। साथ ही उन्होंने सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने के लिए कलाकारों को भी खूब सराहा।

राज्यपाल ने कहा कि लोक गीत- संगीत, लोकनृत्य अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए अपनी विरासत और पहचान को जीवित रखना होगा। उन्होंने सभी टीमों को बधाई दी और कहा कि आप अपनी संस्कृति को जीवित रखने के महत्वपूर्ण मिशन में लगे हैं।

इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट के अलावा राज्यपाल के साथ 50 वर्ष पूर्व एनडीए में ट्रेनिंग लेने वाले ग्रुप के सदस्य भी मौजूद रहे।

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