कभी-कभी रिश्तो का गणित कुछ इस तरह से पेचीदा हो जाता है कि उनको सुलझा पाना या समझ पाना बड़ा मुश्किल होता है और इस गणित को सुलझाने वाला व्यक्ति खुद उलझ कर रह जाता है
मामला देहरादून का है जहां लिवइन रिलेशन में रहने वाले दो साथियों का मामला सामने आया है जहां महिला के पूर्व पति से तीन बच्चे हैं वहीं पुरुष साथी के पूर्व पत्नी से दो बच्चे हैं किंतु दोनों ने अपने-अपने विवाहित साथियों को तलाक देकर लिव इन रिलेशन में रहना प्रारंभ कर दिया इस बात को लिव रिलेशन में रहते हुए दोनों को लगभग 11 वर्ष हो गए और इस रिश्ते के परिणाम स्वरूप 10 वर्षीय एक बेटा भी इनके बीच में है।
आपको बता दें कि जो जानकारी मिली है उसके अनुसार लिव इन रिलेशन में रहने वाली महिला अपने पूर्व पति से पैदा तीनों बच्चों को अपने पास बुला लिया करती थी जिसकी वजह से उनका लिव इन रिलेशन साथी आपत्ति करता था कहता था कि जब हमारा एक बेटा है तो इनको क्यों बुला लेती है जिस पर दोनों में झगड़ा हो गया और दोनों अलग हो गए किंतु महिला अपना 10 वर्षीय पुत्र अपने साथ ले जाने को कहने लगी और इस मसले का हाल ना होने पर महिला ने महिला आयोग की शरण ली और अपने लाइव इन रिलेशन में जन्म लेने वाले बच्चे का हक मांगा
आपको बता दे की इस मामले में सुनवाई करते हुए महिला आयोग की ओर से महिला को एक मुश्त कुछ रुपये भुगतान करने के लिए पुरुष से कहा गया है चूंकि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून में यह प्रावधान बनाया गया है कि यदि कोई महिला और पुरुष लिव इन रिलेशन में रहते हैं तो इस रिलेशन मैं रहने के बाद या रहते समय इस के बारे में रजिस्ट्रार को सूचना देना अनिवार्य होगा लिव इन रिलेशन के समाप्त होने पर भी रजिस्ट्रार को सूचना देनी होगी और वहीं दूसरी ओर यदि लिव इन रिलेशन में रहने के दौरान अगर बच्चे का जन्म होता है तो यह बच्चा भी वैध होगा। हालांकि अभी यह कानून राज्य में लागू नहीं हुआ है। महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में अभी सुनवाई चल रही है।
Sources internet media
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें