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BJP first MP Mukesh Dalal Surat won election unopposed
मुकेश दलाल। – फोटो : ANI

भाजपा 400 पार का नारा और करीब आ गया है क्योंकि सूरत लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुम्भानी का पर्चा रद्द होने तथा अन्य आठ प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस लिए जाने के बाद भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत हो गई है और 400 पार करने के लिए सिर्फ 400 सीटों की और जरूरत है

      आपको बता दें की सूरत लोकसभा सीट पर 7 मई को चुनाव (मतदान) होना था जिसके सापेक्ष 10 प्रत्याशियों द्वारा नामांकन किया गया किंतु प्रस्तावकों द्वारा नामांकन पत्र पर अपने हस्ताक्षरों को फर्जी हस्ताक्षर कहकर कांग्रेस प्रत्याशी निलेश कुम्भानी के नामांकन पर सवाल उठाया गया साथ ही भाजपा द्वारा भी यही शिकायत की गई जिसके चलते चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावकों के उपस्थित न होने पर निलेश कुम्भानी का प्रचार रद्द कर दिया गया तथा आठ अन्य प्रत्याशियों ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया जिससे मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित घोषित हो गए जिसके चलते अब भाजपा को 400 पार के नारे को पूरा करने के लिए 400 लोकसभा सीटों की और अधिक आवश्यकता है।
      आपको बता दें कि 1951 से अभी तक के संसदीय चुनाव में कल 35 निर्विरोध सांसद चुने गए हैं जिन में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने 2012 में कन्नौज लोकसभा उपचुनाव निर्विरोध जीता था   इसके साथ ही विभिन्न संसदीय कार्यकाल में चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल करने वाले अन्य प्रमुख नेताओं में वाईबी चव्हाण, फारूक अब्दुल्ला, हरे कृष्ण महताब, टीटी कृष्णामाचारी, पीएम सईद और एससी जमीर शामिल हैं। बगैर किसी प्रकार का विरोध हुए या बगैर चुनाव लड़े किसी मुकाबले के लोकसभा पहुंचने वालों में सबसे अधिक कांग्रेस के उम्मीदवार ही हैं।
        सिक्किम और श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्रों में भी दो बार ऐसे निर्विरोध चुनाव संपन्न हुए हैं। आज तक मुख्य चुनावों में निर्विरोध जीतकर 26 संसद सदस्य बने हैं वहीं अब तक डिंपल यादव समेत नौ उम्मीदवार उपचुनाव में निर्विरोध जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। 1957 में आम चुनाव में अधिकतम सात उम्मीदवार निर्विरोध जीते, उसके बाद 1951 और 1967 के चुनावों में पांच-पांच निर्विरोध जीते। जबकि 1962 में तीन और 1977 में दो उम्मीदवार निर्विरोध जीते, 1971, 1980 और 1989 में एक-एक उम्मीदवार ने निर्विरोध चुनाव जीता।
       फिलहाल जो भी हो भारतीय जनता पार्टी ने अपना चुनावी सफर अच्छे तरह से निर्विरोध सीट जीत कर प्रारंभ किया है किंतु अभी भी *बहुत कठिन है डगर पनघट की*
Sources  internet media