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तरुवर फल नहीं खात है नदी न संचय नीर,          परमार्थ के कारणे साधुन धरया शरीर ।

ऐसे कुछ ही बिरले लोग होते हैं जो अपना सारा जीवन समाज के लिए होम कर देते हैं।

हल्द्वानी

 मानवता अभी भी जिंदा है इसकी मिशाल कुछ समाजसेवियों ने हल्द्वानी में पेश कर रखी है जहां समाजसेवी हेमंत गौनिया हल्द्वानी ,अमित रस्तोगी बागेश्वर और और हरीश जोशी रामनगर ने चित्रशिला घाट रानीबाग काठगोदाम स्थित नगर निगम हल्द्वानी काठगोदाम के इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में एक लावारिस महिला का अंतिम संस्कार किया  उनके द्वारा अंतिम संस्कार के पूरे सामान के साथ अंतिम संस्कार किया गया ताकि मृतका की आत्मा को शांति मिले और आत्मा तृप्त रहे

आपको बता दें कि उक्त महिला की लाश फतेहपुर के जंगल में पड़ी मिली थी जिसको 3 दिन पहले हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखा गया था हालांकि 3 दिन बाद भी कोई रिश्तेदार या परिजन जब शव लेने नहीं आया तो पंचनामा भर कर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया मृतक महिला की उम्र करीब 56 वर्ष थी

समाजसेवियों ने पिछले 6 माह में अब तक करीब 58 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करवाया है और उससे पूर्व भी कई अनगिनत लावारिस लाशों का का अंतिम संस्कार किया है

इसके लिए समाजसेवियों ने लोगों से भी अपील की है कि पुण्य के इस कार्य में हमारे सहयोगी बनें हमे पैसे नही चाहिए बस क्रियाकर्म का सामान लकड़ियां और एंबुलेंस चाहिए इसके लिए उन्होंने एक नंबर 9897213226 भी जारी किया जिस पर संपर्क करके उनके साथ इस नेक काम से जुड़ा जा सकता है वास्तव में मरने के बाद किसी को उसके आखिरी गंतव्य तक पहुंचाना सच्ची मानव सेवा है